यह प्राचीन भारतीय उक्ति है जिसके अनुसार विद्या वही जो जन्म मरण के चक्र से मुक्त कराये। परंतु यहाँ पर हम अपना संदर्भ बदल रहे हैं -विद्या वही जो गरीबी,अज्ञानता और असहिष्णुता से मुक्त करे । सरलतम रूप में कह सकते हैं कि विद्या यानि शिक्षा के माध्यम से हम न सिर्फ अपने आप को बल्कि सम्पूर्ण समाज को ही सभी समस्याओं से बाहर निकाल सकते हैं । अच्छी शिक्षा हमारी सोच को बदलकर सकारात्मकता की तरफ ले जाती है । शिक्षा का एक विध्वंशात्मक स्वरूप भी होता है जो आतंकवादी गतिविधियों में प्रयोग होता है । अतः आवश्यकता जनकल्याण कारी शिक्षा की है । आओ हम मिलकर जन कल्याण कारी शिक्षा के प्रसार का संकल्प लें और दुनिया को रोशन करें।
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